हम है उसी में राजी, जिसमे तेरी रजा है,
प्रसन्न रहिये …. छोटी छोटी बातो पर रूठना, गुस्सा होना. प्रतिक्रिया देना अपने स्वाभाव और चरित्र में नकारात्मकता लाता है, अतः सोच समझ कर प्रतिक्रिया दें, छोटी छोटी बातो को गर नजर अंदाज न कर सके तो ज्यादा तूल न दें, यानि बढ़ाएं नहीं, किसी भी हालत में क्रोध या आवेश को अभिव्यक्ति न दे, प्रदर्शित न करे, इसको समझना हो तो जब कोई दूसरा क्रोध में चिल्लाता हो उसे देखे तुरन्त समझ आएगा की ऐसी अभिव्यक्ति कितनी गलत होती है ! अपनी बात सहज होकर, शांति से रखें ! इससे प्रसन्नता और शांति आपके पास स्थायी हो सकेगी ! और आप कह सकेंगे की ….. यहाँ यु भी वाह वाह है , और त्यूं भी वाह वाह है ….हर हाल में खुश , मस्त , प्रसन्न ………