न चादर बड़ी कीजिये, न ख्वाहिशें दफन कीजिये,
चार दिन की ज़िन्दगी है, चैन से बसर कीजिये…
न परेशान किसी को कीजिये,न हैरान किसी को कीजिये,
कोई लाख गलत भी बोले, बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये…
न रूठा किसी से कीजिये, न झूठा वादा किसी से कीजिये,
कुछ फुरसत के पल निकालिये, कभी खुद से भी मिला कीजिये.