हम काल्पनिकता या वास्तविकता पसंद नहीं… हम कहानी पसंद लोग हैं, _ जिन गीतों
अथवा नज्मों से हमारी कहानी मेल खाती है, हम उन्हें ही अपना पसंदीदा मान लेते हैं, _
उन्हें सुनते या गाते हुए मुस्कुराते रहते हैं और खुश होते रहते हैं और जो खुश नहीं होते उनकी कहानी ही कुछ और होती है.