*”ऊँचा उठने के लिए पंखों की ज़रुरत केवल पक्षियों को ही पड़ती है…..*
*मनुष्य तो जितना विनम्रता से झुकता है उतना ही ऊपर उठता है”…।*
_ भय, क्रोध व शोक चेहरे को विकृत बनाते हैं.
प्रसन्नता और विनम्रता से चेहरे का सौंदर्य बढ़ता है.
*मनुष्य तो जितना विनम्रता से झुकता है उतना ही ऊपर उठता है”…।*
_ भय, क्रोध व शोक चेहरे को विकृत बनाते हैं.
प्रसन्नता और विनम्रता से चेहरे का सौंदर्य बढ़ता है.