मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है, जो हर किसी के बस की बात नहीं ! अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें,
क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके मिलेंगें पर… शब्दों को बदलने के नहीं !!
शब्दों का अहम किरदार होता है… दूरियां बढाने में…
_ कभी हम समझ नही पाते हैं… और कभी समझा नही पाते हैं…!!