“अच्छाई और बुराई” “इंसान” के “कर्मों” में होती है..!
कोई “बांस” का “तीर” बनाकर किसी को “घायल” करता है..!
तो कोई “बांसुरी” बनाकर बांस में “सुर” को भरता है..!
एक अप्रिय घटना हमें यह एहसास कराती है कि..
_हमने अपने जीवन में कितनी अच्छाई का अनुभव किया है..