जहां हम नहीं होते है…. वहाँ हमारे गुण व अवगुण हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं.
जहां हम नहीं होते है…. वहाँ हमारे गुण व अवगुण हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं.
किसी में भी यदि कोई गुण हैं तो उसकी सराहना करने में कृपणता क्यों ?
जिस व्यक्ति में स्वयं में कोई भी गुण न हो,
_ वह दूसरों पर दोषारोपण जरूर करता है..!!