सुख के लम्हें तक पहुँचते-पहुँचते हम उन सब लोगों से जुदा हो जाते हैं,
_ जिनके साथ हमने दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था.
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही…मुसाफिरों की तरह…
_यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं…रुके रास्तों की तरह..!!
_ जिनके साथ हमने दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था.
_यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं…रुके रास्तों की तरह..!!