*” निखरती है मुसीबतों से ही शख्सियत यारों !!*
_ *जो चट्टान से ही ना उलझे वो झरना किस काम का !!*
मत कोस जिंदगी को, ये मुसीबतों में खलती है..
_ ये जिंदगी है यार, हौसलों से चलती है..!!
_ *जो चट्टान से ही ना उलझे वो झरना किस काम का !!*
_ ये जिंदगी है यार, हौसलों से चलती है..!!