उन लोगों से कैसे बचें जो सब कुछ जानने के बाद भी…
_जो सब कुछ देखकर भी सही को सही नहीं कह पाते हैं ?
— हमारे बीच तमाम लोग होते हैं _जो दूसरों का नुकसान होता रहता है..
_और वो तमाशबीन बने रहते हैं.
_किसी के साथ कुछ भी हो जाए, कितना भी बुरा हो जाए..
_उनको कोई मतलब नहीं..
_दूसरों का नुकसान या बुरा होने के बाद ही _उनका ज्ञान जाग्रत होता है..
_तब वो अपना ज्ञान देते हैं..!!
घमण्डी लोगों से दूर ही रहें, नहीं तो ये लोग आपको हीनता का बोध कराते रहेंगे..
_ और आपको हरदम नीचा दिखाते रहेंगे ;
_ ऐसे लोग अपने अहं के लिए घंटो लड़ सकते हैं, उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं होता कि आप क्या कह रहे हैं ;
_उनकी नजर में सिर्फ वे ही सही होते हैं,
_ वे किसी भी सूरत में अपनी गलती मानने को कभी तैयार नहीं होते,
_जो इनकी हाँ में हाँ मिलाता है, वही इनको अच्छा लगता है.!!
उसके हालात पर भी गौर करें, _जो पूछता है कि “आप कैसे हैं “
यदि नीच व्यक्ति से थोड़ी भी नाराज़गी हो जाए तो, वो या तो आपके भेद सबको बताना शुरू करेगा या आपके दुश्मन के साथ खड़ा हो जाएगा !!
मेरे लिए ज़्यादा मायने रखता है कि आप इंसान कैसे हैं.
_ आदमी नीचा हो जाए तो समस्या है, बाक़ी पसंद अपनी-अपनी.!!
दुनिया बहुत बदल गई है,
_ यदि आप किसी से नाराज़ होंगे तो लोग आप को छोड़ना पसंद करेंगे, मनाना नहीं !!