शीशा तो टूट कर भी अपनी कशिश बता देता है,
_ दर्द तो उस पत्थर का है जो टूटने के काबिल भी नहीं..
टूटे शीशे से न पूछ सबब टूटने का,
_ अगर दम है तो पत्थर से सवाल कर..!!
पत्थर पहले खुद को पत्थर करता है,
_ तब जा कर कुछ कारीगर करता है.!!
_ दर्द तो उस पत्थर का है जो टूटने के काबिल भी नहीं..
_ अगर दम है तो पत्थर से सवाल कर..!!
_ तब जा कर कुछ कारीगर करता है.!!