शरीर सुंदर हो या ना हो पर शब्दों को सुंदर रखें,
क्योंकि लोग चेहरे भूल जाते हैं पर शब्दों को नहीं.
यह संसार की रीत है कि जो शोभन नहीं है, सुंदर नहीं है..
_ वह मानवमन को प्रीतिकर नहीं लगता.
क्योंकि लोग चेहरे भूल जाते हैं पर शब्दों को नहीं.
_ वह मानवमन को प्रीतिकर नहीं लगता.