सुविचार 4270 | Aug 27, 2024 | सुविचार | 0 comments जब सर पे जिम्मेदारी बड़ी हो तो हिसाब से रहना पड़ता है ; _ बहुत कुछ सुनना पड़ता है और बहुत कुछ सहना पड़ता है. “जैसे जैसे बड़े होते गये, ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबते चले गए !!” Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ