” विकृत मनोदशा,” दुखों का सबसे बड़ा कारण है
सुख दुख की अनुभूति केवल और केवल, आपकी ही ” मनोदशा ” की देन होती है.
वाकई दुनिया में बहुत दुख है !
_ हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसा घटित हो रहा है.. जिसे हम कभी जान ही नहीं पाते !
सच पूछिए तो उन्हें भी बेहद दुख-कष्ट हैं,
_ जो सबसे कह रहे हैं कि हम ठीक हैं..!!