कभी कभी, कितनी बातें कहनी होती है, जब कोई सुनने वाला नहीं होता है…।
यह भी विचार कीजिए कि कोई आपकी बात कब काटता है ?
_ सीधी सी बात है — जब आप उसे बोलने का मौका नहीं देते..
_ बोलने का मौका दीजिए, कोई आपकी बात कभी नहीं काटेगा..
_ अगर कोई आपसे कुछ बोलना चाहे तो उसे बोलने दें, बोलने दें और इतना बोलने दें कि वह थक जाए..
_ जब वह चुप हो जाए तो आप बोलना शुरू कीजिए..
_ आपको हैरानी होगी यह देख कर कि आपकी बात काटना तो दूर, वह आपकी हर बात से सहमत होता जाएगा..
_ ज्यादातर लोगों को शिकायत ही यह होती है कि उनकी किसी ने सुनी नहीं ;
_ आपने सुन ली, सावन का बादल हल्का हो गया..
_ अब वह उमड़-घुमड़ कर नहीं आएगा..
_ आपने उसकी बात नहीं काटी, उसने आपकी..!!