मस्त विचार 022

मेरे अपने

सब कुछ देखा, दुनिया देखी

अपने देखे

अपनों में अपनों के लिए

अपनापन देखा

अपनेपन में अपनों द्वारा

परायापन देखा

अपनेपन में छिपी पराई सीमा देखी

यह नजर बड़ी कीमत

चुका कर मिली

अपनों को अपनी आँखों ने

ओझल कर दिया

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