क्यों जिन्दगी की राह में मजबूर हो गए,
इतने हुए करीब के हम दूर हो गए,
ऐसा नहीं के हम को कोई भी खुशी नहीं,
लेकिन ये जिन्दगी तो कोई जिन्दगी नहीं,
क्यों इसके फैसले हमे मंजूर हो गए,
पाया तुम्हे तो हम को लगा तुम को खो दिया,
हम दिल पे रोये और ये दिल हम पे रो दिया,
पलकों से ख्वाब क्यों गिरे क्यों चूर हो गए.