मस्त विचार 241

सोच रहा हूँ कुछ अपने बारे में लिखूँ.

मन है परेशान उसकी व्यथा क्या लिखूँ.

मिलना- बिछुड़ना सब हो रहा एक साथ.

इसको क्या तो गाऊं और क्या तो रोऊँ.

सुख- दुःख के बीच से ही ज़िन्दगी गुजरी है.

बाकि क्या बताऊँ कि मुझपे क्या गुजरी है.

अब अपने बारे में और क्या लिखूँ.

सुख- दुःख के बीच से ही ज़िन्दगी गुजरी है.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected