मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
_ किसी का दिल जीतने के लिए बहुत कठोर प्रयास करना, समय और ऊर्जा की बर्बादी है और यह आपको कुछ नहीं देता, केवल खालीपन से भर देता है.
_ मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
जवाब नहीं देने का अर्थ यह कदापि नहीं कि यह सब मुझे स्वीकार्य है, बल्कि यह कि मैं इससे ऊपर उठ जाना बेहतर समझता हूँ.
_ मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
कभी-कभी कुछ नहीं कहना सब कुछ बोल देता है.
_ मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
किसी परेशान करने वाली बात पर प्रतिक्रिया देकर, आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण की शक्ति किसी दूसरे को दे बैठते हैं.
_ मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
मैं कोई प्रतिक्रिया दे दूँ, तो भी कुछ बदलने वाला नहीं है इससे लोग अचानक मुझे प्यार और सम्मान नहीं देने लगेंगे.
यह उनकी सोच में कोई जादुई बदलाव नहीं ला पायेगा।
_ मैं धीरे-धीरे सीख रहा हूँ कि…
जिंदगी तब बेहतर हो जाती है, जब आप इसे अपने आस-पास की घटनाओं पर केंद्रित करने के बजाय उस पर केंद्रित कर देते हैं, जो आपके अंतर्मन में घटित हो रहा है.
_ आप अपने आप पर और अपनी आंतरिक शांति के लिए काम करिए और आपको बोध होगा कि….
चिंतित करने वाली हर छोटी बड़ी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देना, एक स्वस्थ और प्रसन्न जीवन का ‘प्रथम अवयव’ है.
जीवन हर कदम पर हमें कुछ न कुछ सीखने का मौका देता है.
_ यह हम पर निर्भर करता है कि या तो हम उसे अपना लें या फिर अनदेखा करके आगे बढ़ जाएं.. यह हमारे हाथ में है.!!