_ बल्कि अपने आप में कुछ ऐसा होगा, जो किसी पूरक और सीमा के बारे में नहीं, बल्कि केवल जीवन और वास्तविकता के बारे में सोचता है: “महिला इंसान” ~ Rainer Maria Rilke
_इसलिए लड़की और महिला को भी आत्मनिर्भर होना जरुरी है..!!
_लड़कियों- महिलाओं की दूसरी कई योग्यता को कम कर रही है..!!
_ पत्थर किसी के भी जीवन में हों __ साथ देना उनका… कभी नहीं छोड़ती..
..वो पुरुष को हासिल नहीं है.”
गलती हो हमारी या न… हो _ बस सभी को मनाने के लिए झुक… जाती हुं..
_ ससुराल होते हैं ..मायके होते हैं ..घर नहीं होते..!!
_ वे हम लोगों की परवाह में अपनी आंखों, दिल गुर्दा सब घिस देती हैं..
_ क्या कभी आपने अपने घर की औरत से पूछा है कि वो परेशान तो नहीं, अगर परेशान हैं तो क्यों हैं.
_ अरे प्यारे प्यारे भाईयो, दोस्तों और शुभचिंतकों आप सब हमारी चिंता में अपने दिल और दिमाग पर बोझ ना डालें.
_ आजकर वैसे भी दिल का कोई भरोसा है नहीं कि कब रुक जाए.
_ तो ऐसे में मेहरबान, कदरदान, साहिबाना, पानदान अपने घर की औरतों पर ध्यान दें,
_ उनकी परवाह करें और खुद खुश रहेंगे और वो भी खुश रहेंगी..!!