किसी की भी जिंदगी एक खुली किताब है……… जिसमे दर्ज है सब कुछ. हार- जीत, उतार- चढ़ाव, यश- अपयश, नफरत- मोहब्बत. हमारे सारे कार्यकलाप, सुख और संताप, हमारा जीवन केवल हमारा नहीं अपितु परिवार का, समाज का और देश का भी है. हमारे कार्यकलापों से ये सभी प्रभावित होते हैं. हमारे सद्कर्म इनका यश बढ़ाते हैं, तो दुष्कर्म इन्हें कालिमा से ढक देते है……………अतः हमारा आचरण महत्वपूर्ण है.