मस्त विचार 697

कुछ हम थे तबीयत के सादे,

कुछ लोग बेगाने लुट गए..

कुछ अपनो ने बदनाम किया,

कुछ बन अफसाने छूट गए ..

कुछ अपनी शिकस्ता नाव थी,

कुछ हम से किनारे छुट गए ..!

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