जो बीत गया पल उसे याद क्या रखना….. बस यही सोच कर मुस्कराते हैं हम, अपने ग़मो से दूसरों को उदास क्यों रखना.
अपनों के सितम का हिसाब क्या रखना..
जो बीत गया पल उसे याद क्या रखना….. बस यही सोच कर मुस्कराते हैं हम, अपने ग़मो से दूसरों को उदास क्यों रखना.
अपनों के सितम का हिसाब क्या रखना..