सुविचार 4101
_ जिस प्रकार आग में तप कर सोना निखर कर कुन्दन बन जाता है, उसी तरह व्यक्ति कष्टों की आग में तप कर सोने जैसे व्यक्तित्व का स्वामी बन जाता है.
_ तराश रही है खुद ज़िंदगी निखर जाने के लिए.!!
_ जिस प्रकार आग में तप कर सोना निखर कर कुन्दन बन जाता है, उसी तरह व्यक्ति कष्टों की आग में तप कर सोने जैसे व्यक्तित्व का स्वामी बन जाता है.
_ तराश रही है खुद ज़िंदगी निखर जाने के लिए.!!
_लेकिन फिर भी जीवन सिर्फ इन्ही अनुभवों से नहीं बनता.
अगर आप चिंतित है तो आप भविष्य में रह रहे हैं,
यदि आप शांतचित है, तो ही आप वर्तमान में रह रहे हैं !!”
_तनाव आपको कमज़ोर बनाता है और आपके स्वास्थ्य को ख़राब कर देता है.
_मतलब इंसान के पास जो है, वो उससे खुश ना होकर, जो नहीं है, उससे दुखी होकर अपनी जिन्दगी को नष्ट कर रहा है.
_ जब आपको लगता है कि आप पर्याप्त नहीं हैं, तो अपने मूल्य को कभी मत भूलना – अपने आप के भीतर..!!
_ जब आपको लगता है कि आप कहीं जाना चाहते हैं, तो कभी भी ब्रेक लेना न भूलें और अपने दम पर चीजों को करते हुए अपना समय निकालें..!!
_ जब भी आपको लगता है कि कोई आपको प्यार नहीं करता है या आपकी परवाह नहीं करता है,
_ तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जो वास्तव में आपके लिए ऐसा करते हैं.
_ कि अंधेरे में हमेशा एक प्रकाश होता है..!!
_ तवज्जो अगर चाहिए, तो देना भी सीखिए.!!