सुविचार 4398

आप एक ही नदी के पानी को दुबारा नहीं छू सकते, क्योंकि जो धारा बह चुकी वो कभी वापस नहीं आती ;

_ उसी तरह जीवन की एक स्थिति पर रुके मत रहिए, जो कल बीत गया वो कितना भी अच्छा या बुरा क्यों न था, उसे भूल कर आपको आगे बढ़ना ही होगा.

नदियों की तरह बहते रहो, चट्टानें अपने आप कट जाएंगी.!!

सुविचार – 2025 नया साल – 4397

जीवन क्षणभंगुर है ! जैसा अवसर रब ने दिया है उसे बेहतरीन तरीके से जीने की कोशिश करो !

_ आराम से सुकून से इत्मीनान से सलीके से होशो हवास में नए साल में जाएं.!!

2020 के बाद जीवन तो जैसे मानों केवल बीता है,

_ अवसाद और बढ़ती उम्र ने सब कुछ रोक दिया है,
_ जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा, सब कुछ रुक सा गया है,
_ अब तो ये भी नहीं पता कि कहाँ गुम हूँ,
_ जीवन एक काली कोठरी में बंद हो चुका है,
_ यहां से निकलना बेहद मुश्किल है,
_ मैं अब गर्त के आस-पास हूँ,
_ मेरा कुछ नहीं हो सकता !!

सुविचार 4396

पुराने बहुत सारे सालों की तरह आने वाले सालों में भी आप सब का जीवन खुशनुमा रहे..!!

अगर आपने अब भी अपनी आदतें नहीं बदलीं तो आने वाला साल आपके लिए नया साल नहीं बल्कि एक और साल होगा.!!

सुविचार 4395

निर्णय लेते समय ना ज़्यादा खुश हों, ना ज़्यादा दुखी हों,

दोनों परिस्थितियां आपको सही निर्णय लेने नहीं देती.

सुविचार 4394

हमको कितने लोग पहचानते हैं उसका महत्व नहीं है,

मगर क्यों पहचानते हैं इसका महत्व है.

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