सुविचार 3782
तुझे लगता है वो शख्स तुम्हारा अपना है ?
जिसे चीख़ चीख़ कर दुख बताना पड़ता है…
जिसे चीख़ चीख़ कर दुख बताना पड़ता है…
We have a double-standard mind: for us we think in one way, for others in a totally different way.
दूसरों के हाथों की कठपुतली बन कर रह जाओगे.
_तब तक कभी भी अपना हाथ न बढ़ाएं.”
बाकी ज़िन्दगी बिलकुल हलकी फुलकी है..