सुविचार 4484
सर्वोत्तम की अपेछा स्वयं से करें, न कि दूसरों से.
रह ना जाए ज़िन्दगी में कोई अँधियारा कहीं,
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!
पर जब लेना शुरू करती है, तो प्याज़ के छिलके की तरह उतार लेती है..
क्यूँकि वो फ़रिश्ते ही होते हैं जो किसी के चेहरे पर मुस्कान ला पाते हैं.
_ क्योंकि हर कोई आपके जबाव के लायक नहीं होता है.!!