सुविचार 4489
जीवन में अगर हम दूसरों की सफलता को स्वीकार नहीं करते तो वह ईर्ष्या बन जाती है,
और अगर स्वीकार कर लेते हैं तो वह प्रेरणा बन जाती है.
और अगर स्वीकार कर लेते हैं तो वह प्रेरणा बन जाती है.
” समय ” ” व्यक्ति ” और ” सम्बन्ध “
*और “बहुत” कुछ “सिखा” कर भी “जाती” है !*
_ तम से लड़ने के लिए खुद आज जलना है हमें.!!