सुविचार 4160

इस दुनिया की विडंबना यह है कि _ लोग अपनी जरूरत के मुताबिक हमारा इस्तेमाल करते हैं _ और हम समझते है कि वे हमको पसंद करते हैं.
“यही जीवन की विडंबना है” _आप को किसी न किसी चीज़ से तो वंचित होना ही पड़ेगा..!!
किसी के लिए जरूरत से ज़्यादा मत करते रहना,

_वरना उसको.. आपसे ज़्यादा अपनी जरूरतों से मतलब रहने लगेगा..!!

सुविचार 4159

“जब तक जीना तब तक सीखना !

_ अनुभव ही जीवन में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है !!”

जीवन रोज नए-नए अनुभव देता है,

_जीवन को समझ लेना लगभग असंभव है, खासकर आम आदमी के लिए..
हो सकता है आपका अनुभव आपके लिए सही हो,

_पर इसे औरों पर थोपना तर्क संगत नहीं..!!
ज़िन्दगी में सही फ़ैसले हमेशा अनुभवों के बल पर लिए जाते हैं,
_ और अनुभव हमेशा ग़लत फ़ैसलों के ज़रिए प्राप्त होते हैं.
आपको मलाई तो चाहिए, _ लेकिन दूध ठंडा ना करना पड़े ?

ऐसे कैसे संभव है ?

सुविचार 4157

जीवन में जो लोग आपसे दूर होना चाहते हैं,

_ वो लोग सारा दोष हालातों पर ही डाल देते हैं.

आपको निराश करने के लिए लोगों को दोष न दें,

_ उनसे बहुत अधिक उम्मीद करने के लिए खुद को दोष दें.

“दोष ऐसे ही ढूंढे जाते हैं” _ मैंने ग्लास रखा जमीन पर ..आपसे फूटा तो ..देख के नहीं चलते..

_ और आपने रखा ..मुझसे फूटा तो ..देख के नहीं रखते..!!

सुविचार 4156

बुरे दिनों से आप जब तक लड़ेंगे नही तब तक अच्छे दिन आते ही नही,

_ यह भी एक तजुर्बा है..

जो होगा उस पर विश्वास रखो._यदि चीजें आपके इच्छित तरीके से काम नहीं करतीं.

_यह सब जीवन का हिस्सा है.

जो हो रहा है उसे स्वीकार करना ही पड़ता है.

_चाहे अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए..

हम अपना पूरा जीवन अच्छे दिनों की आशा में बिता देते हैं.

_ तब हमें एहसास होता है कि जो दिन बीत गए, वे ही अच्छे दिन थे.

ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन..!!
क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा, कुछ नहीं होगा तो तजुर्बा होगा..!!
खो जाने के डर से, हद से ज्यादा संभालकर रखी गई चीजें अक्सर खो ही जाती हैं..!!
एक अच्छी ज़िन्दगी....बहुत बुरे वक़्त से गुज़र कर आती है..!!

सुविचार 4155

अगर दुखी हो, तो ध्यान रखना, जतन से नहीं जी रहे हो.

_ दुख बढ़ता जाता है, तो ध्यान रखना, गलत दिशा पकड़ ली है.

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