सुविचार 4125
धरती पर जीवन क्रमिक- विकास के लिए है.
_ हर जीवन में ज्ञान, कौशल और मनोभावों का विकास होता जाता है.
_ हर जीवन में ज्ञान, कौशल और मनोभावों का विकास होता जाता है.
_ और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है..
_ ज़िन्दगी सुलझाने में ही बीत जाती है !!
_वो तो बस किसी सबक के तौर पर हमारी ज़िंदगी में आते हैं.
_ जीवन के रास्ते में अगर सबक सीखना है तो ..छोटी छोटी बातों से सीखना चाहिए.
_ दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, खुद को ऊँचा उठाने में समय लगाइये.
_कब आपको हंसना हैं, और कब आपको रोना हैं...
_बल्कि हमारे साथ जुड़े लोगों की पहचान करवाने आती हैं !!
_ लेकिन जो उसने सिखाया, उसे कभी मत भूलो !!