सुविचार 4125

धरती पर जीवन क्रमिक- विकास के लिए है.

_ हर जीवन में ज्ञान, कौशल और मनोभावों का विकास होता जाता है.

सुविचार 4124

कभी कभी धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम,

_ और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है..

कभी-कभी हम गलत धागे चुन लेते हैं,

_ ज़िन्दगी सुलझाने में ही बीत जाती है !!

सुविचार 4123

जिंदगी की किताबों में भी वो सबक दर्ज नहीं होता, जो एक गलती सिखाती है.
जो आप सीखने में विफल रहते हैं वह आपको सबक सिखा सकता है.
कुछ लोग कभी भी हमारे नहीं हो सकते,

_वो तो बस किसी सबक के तौर पर हमारी ज़िंदगी में आते हैं.

चीजों को सही बनाने के लिए बहुत कुछ की आवश्यकता नहीं होती है,

_ जीवन के रास्ते में अगर सबक सीखना है तो ..छोटी छोटी बातों से सीखना चाहिए.

सुविचार 4122

अंधेरे को हटाने में समय बर्बाद मत करिये परंतु दिये को जलाने में समय लगाइये ;

_ दूसरों को नीचा दिखाने में नहीं, खुद को ऊँचा उठाने में समय लगाइये.

सुविचार 4121

किसी को इतना भी हक़ मत दो कि, _वो फैसला करे कि 

_कब आपको हंसना हैं, और कब आपको रोना हैं...

सुविचार 4120

कुछ तकलीफें हमारा इम्तिहान लेने नहीं,

_बल्कि हमारे साथ जुड़े लोगों की पहचान करवाने आती हैं !!

जो चीज़ आपको तकलीफ देती है, उसे भूल जाओ ;

_ लेकिन जो उसने सिखाया, उसे कभी मत भूलो !!

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