सुविचार 4364

मन से जब-जब लड़ता रहा, ” हारता रहा “

फिर मन से दोस्ती की और जीत गया..

सुविचार 4363

जबान में मिठास भरने की कला, जिंदगी में मिठास भर देती है, जो बोलोगे वो ही सुनोगे.
किसी ने पूछा पुराने दौर का कुछ तो बताइए ;

_ उसने बोल : ऐसा सुना था होती थी कीमत ज़ुबान की.!!

अगर आप अपनी ज़ुबान पर काबू नहीं रख सकते, तो कभी भी अपने भविष्य पर काबू नहीं रख पाएंगे.

_ शब्द आपके रिश्ते, करियर और इज़्ज़त सब बना भी सकते हैं, तोड़ भी सकते हैं.!!

सुविचार 4361

” मैं असंभव को भी संभव बना सकता हूं, और आप भी,

_ और उसका एक ही परम मंत्र है, प्रयास प्राप्ति तक, और विधि है, परिपूर्ण प्रकिया,”

सुविचार 4359

कोई हमारी गलतियां निकालता है, तो हमें खुश होना चाहिए, क्योंकि कोई तो है, जो हमें पूर्ण दोष रहित बनाने के लिए, अपना दिमाग और समय दे रहा है..
संसार की यह रीति है कि दोष कोई करता है और भुगतना किसी और को पड़ता है.
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