सुविचार 4186

विपरीत परिस्थितियों में स्वयं को खुश रखने के लिए,

सकारात्मक बातों का खजाना अवश्य याद रखें.

विपरीत परिस्थितियों में साथ देने वाले विरले ही होते हैं,

_ यह स्वीकार करना हम सबके लिए जरुरी है..!!

दूसरों को समझाने के बजाय..

_हम खुद ही परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लें तो बेहतर है..!!

“ये जीवन है” जब तक चलेगा, घटनाएं घटती रहेंगी.

_महत्वपूर्ण यह है कि हमारा इन घटनाओं के साथ कैसा व्यवहार रहा ?

_ यही मनुष्य की परीक्षा के अवसर होते हैं.

_इन अयाचित परिस्थितियों में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना होगा..
_ तब ही जीवन सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ता है.

सुविचार 4184

जब हम यह मानते हैं कि हम अपनी नियति का निर्माण करते हैं,

तब हम अपने लछयों की प्राप्ति के लिए दिशा निर्धारित कर लेते हैं.

सुविचार 4183

अपनी विशेषताओं का प्रयोग करो,

_जीवन के हर कदम पर प्रगति का अहसास होगा.

कोशिश में दम रखो, बाकी देना तो उसके हाथ में है..!!

सुविचार 4182

हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है.

_ शब्द गौण हैं, विचार मुख्य हैं और उनका असर दूर तक होता है.

कहने के बाद सोचना और सोचने के बाद कहना,

_व्यक्ति के व्यक्तित्व को बदल देता है..!!

सुविचार 4181

दूसरों को देखकर उनके रास्ते पर मत चलो,

_ खुद ऐसे रास्ते चुनो कि लोग आपके पीछे चले.

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