सुविचार 4259

बहुत कठिन काम है ” अकेले चलना ” पर जानते हैं, यही आपको सबसे मजबूत भी बनाता है.

सुविचार 4258

जो भावनाओं में उलझ कर रह जाता है, उसे कभी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं होती ;

_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..

लोग भावनाओं को पढ़ने से बचते हैं.

_ प्रेम का अध्ययन करने बहुत कम लोग आते हैं..
_ कामयाबी पढ़ने ढेरों आते हैँ..
_ बदनामी को पढ़ने बिना बुलाए भी आते हैँ..
आप जो भी काम करते हैं उस वक़्त खुद से एक सवाल पूछें कि..

_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,

_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!

सवाल ये नहीं कि रफ़्तार किसकी कितनी है,,

_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!

सुविचार 4256

जिंदगी में कोई भी रास्ता अपने आप नही बनता, इंसान खुद बनाते हैं,

इंसान जैसा रास्ता बनाता है, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है.

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