सुविचार 4261
” कामयाबी ” का जूनून होना चाहिए, फिर ” मुश्किलों ” की क्या औकात…
_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..
_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,
_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!
_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!
इन्हीं के कारण आई है लोगों में गिरावट..
इंसान जैसा रास्ता बनाता है, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है.