सुविचार 4103
किसी को गलत समझना बहुत आसान होता है, पर जिस बात के लिए गलत समझ रहे हो,
_उस बात को समझना बहुत मुश्किल होता है..
_उस बात को समझना बहुत मुश्किल होता है..
_ये वो गुनाह है जिसका हिसाब होना ही होना है और वो भी रब के द्वारा..
_ जिस प्रकार आग में तप कर सोना निखर कर कुन्दन बन जाता है, उसी तरह व्यक्ति कष्टों की आग में तप कर सोने जैसे व्यक्तित्व का स्वामी बन जाता है.
_ तराश रही है खुद ज़िंदगी निखर जाने के लिए.!!
_लेकिन फिर भी जीवन सिर्फ इन्ही अनुभवों से नहीं बनता.
अगर आप चिंतित है तो आप भविष्य में रह रहे हैं,
यदि आप शांतचित है, तो ही आप वर्तमान में रह रहे हैं !!”