सुविचार 4142

भरोसे में इतने भी अंधे ना बनो कि पास वाले के असली रंग ही आपको ना दिखाई दे.
जो अपना काम होते ही रंग बदलता है.

_ऐसे लोगों से दिल का लगाना ठीक नहीं है.!

रंगों में वो रंग कहाँ, जो रंग लोग बदलते हैं..!!
आप को जो दिखना चाहिए, वो नहीं दिख रहा है ;

_ जो नहीं दिखना चाहिए, वो दिख रहा है..!!

सुविचार 4141

आपकी घड़ी को तो सुधारने वाले दुनिया में बहुत हैं,

_ लेकिन आपके समय को सुधारने वाले सिर्फ़ आप हैं.

सुविचार 4140

‘सत्य’ ज्यादा बहस नहीं करता, _ सत्य बहस वाली जगह में मौन हो जाता है.

सुविचार 4139

*झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है,

_ अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*, अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है.

सुविचार 4138

सोचो, सोचो और सोचो ! सोचकर समझो !! समझो और तब अनुभव करो !!!

Think, think and think. Think and understand! Understand and then experience !

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