सुविचार 4130

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें,

_ क्योंकि हम अक्सर भावनाओं में बहकर ही अपने राज़ दूसरों को बता देते हैं !!

किसी को भी अपना राज़ बताने से पहले थोड़ा सोचिए,

_ जिनको आप अपने समझते हैं उनके भी होते हैं अपने कई..!!

भावनाओं को दिल की जो समझे _ उसी से अब सरोकार है,,

_ मेल न बैठे जिससे दिल का _ उससे वास्ता बेकार है..!!

सुविचार 4129

सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर पड़ता है,

_ जैसे जिस मिट्टी में फूल खिलते है, वो भी महकने लगती है.

मन मिट्टी जैसा है, जो बोओगे वो पाओगे..!!
फूल यूँ ही नहीं खिलते, बीज को दफ़न होना पड़ता है..!!
जब समय आता है तब ही फूल खिलते हैं, और उसकी खुशबू फैलती है.

सुविचार 4127

” सोचो लेकिन वो सोचो जो कर सकते हो, सोचो लेकिन वो सोचो जो किया जाना चाहिए, सोचो लेकिन वो सोचो जो सबके हित का हो,”
लड़ाका होना अच्छी बात नहीं.. लेकिन अपने हितों की रक्षा के लिए लड़ना पड़े तो ज़रूर लड़िए.!!

सुविचार 4126

जीवन में वही व्यक्ति उन्नत्ति कर सकता है,,

_ जो स्वयं ख़ुद को उपदेश देना जानता हो,,

सुविचार 4125

धरती पर जीवन क्रमिक- विकास के लिए है.

_ हर जीवन में ज्ञान, कौशल और मनोभावों का विकास होता जाता है.

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