सुविचार 4373
ज्ञान-दान से बढ़कर कोई अन्य दान नहीं है,
जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.
जो सबसे सरल दान है, यदि आप बुद्धिजीवी हैं तो.
वो दूसरों को भी ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं.
हद पार कर जाये तो अजनबी बन जाना ही मुनासिब होता है.
क्योकि हर फल का स्वाद अलग अलग होता है.
_ ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है.
_ वो जाने कितनों की ही भावनाएं होती हैं..!!
लेकिन जब कोई अपनों से धोखा खाता है तो मौन हो जाता है..