सुविचार 4594
उन्हीं यादों को सहेजिए जो आँखों में चमक पैदा करे,
उन्हें नहीं जो चेहरे पर शिकन पैदा करे.
उन्हें नहीं जो चेहरे पर शिकन पैदा करे.
” मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए ? “
बेहतर की तलाश में बेहतरीन को खो देता है.
क्योंकि तकलीफ़ खत्म हो जाएगी, मगर नेकी कभी खत्म नहीं होगी.
आज वक़्त ख़राब है तो क्या हुआ, एक दिन इसे बदल कर दिखाओ.