सुविचार 4594

उन्हीं यादों को सहेजिए जो आँखों में चमक पैदा करे,

उन्हें नहीं जो चेहरे पर शिकन पैदा करे.

सुविचार 4593

अपने भीतर और अपने काम, दोनों में पूर्णता हासिल करने के लिए हमें खुद से लगातार पूछते रहना चाहिए,

” मैं खुद को और कितना बदल सकता हूँ ताकि मेरा काम अधिक प्रभावी हो जाए ? “

सुविचार 4592

ये इंसान की फितरत भी क्या लाजवाब है,

बेहतर की तलाश में बेहतरीन को खो देता है.

सुविचार 4590

नेकी के लिए तकलीफ़ उठा लिया करो,

क्योंकि तकलीफ़ खत्म हो जाएगी, मगर नेकी कभी खत्म नहीं होगी.

सुविचार 4589

जिंदगी मिली है तो कुछ बनकर दिखाओ,

आज वक़्त ख़राब है तो क्या हुआ, एक दिन इसे बदल कर दिखाओ.

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