सुविचार 4574
हज़ार टुकड़े होने पर भी दर्पण अपने प्रतिबिम्ब दिखाने की क्षमता को नहीं खोता है,
_ ऐसे ही किसी भी परिस्थिति में हमें अपने अंतर्निहित अच्छे स्वभाव को नहीं खोना चाहिए और न ही उसे प्रतिबिंबित करने की क्षमता को.!!
क्यूंकि पूरी दुनिया में कारपेट बिछाने से खुद के पैरों में चप्पल पहन लेना अधिक सरल है.