सुविचार 4293
” आपका शरीर, आपका प्राण और आपका जीवन, आपकी ऊर्जा से ही गतिमान है,
सार्थक हो तो ही इसे खर्च करें, अन्यथा मौन रहें,”
सार्थक हो तो ही इसे खर्च करें, अन्यथा मौन रहें,”
_ ‘सब अच्छा होगा’ बस यही आवाज़ रब की होती है.
जो लोग ईमानदार नहीं हैं, उनके साथ भी ईमानदार रहिये,
इस तरह ही ईमानदारी सिद्ध होती है.
जो आपको दुनिया का सामना करने के लिए चाहिए.