सुविचार 4270

जब सर पे जिम्मेदारी बड़ी हो तो हिसाब से रहना पड़ता है ;

_ बहुत कुछ सुनना पड़ता है और बहुत कुछ सहना पड़ता है.

“जैसे जैसे बड़े होते गये, ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबते चले गए !!”

सुविचार 4269

स्वयं को बदलिए क्योंकि जब तक आप स्वयं को नहीं बदलेंगे, किसी अन्य को भी नहीं बदल पाएंगे.

सुविचार 4268

कुछ लोगों के लिए आप महत्वपूर्ण नहीं है, इस बात को स्वीकारिये और जीवन में आगे बढ़ते रहिए.

सुविचार 4265

शरीर सुंदर हो या ना हो पर शब्दों को सुंदर रखें,

क्योंकि लोग चेहरे भूल जाते हैं पर शब्दों को नहीं.

यह संसार की रीत है कि जो शोभन नहीं है, सुंदर नहीं है..

_ वह मानवमन को प्रीतिकर नहीं लगता.

बिना काम की बातें हर कोई समझ लेता है,

_ शब्दों की गहराई कुछ ही समझ पाते हैं..!!

ख़ुद तो कुछ करना नहीं.. औरों को भी रोकते हैं,,
_ सुन नहीं सकते जो एक भी शब्द ख़ुद के लिए,,
_ वो औरों को हर बात पर टोकते हैं..!
बहुत से शब्दों में थोड़ा मत कहो, बल्कि थोड़े से शब्दों में बहुत कुछ कहो.!!
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