सुविचार 4258

जो भावनाओं में उलझ कर रह जाता है, उसे कभी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं होती ;

_ दुनिया की पंचायती से दूर होकर अपने लछ्य पर ध्यान दीजिए..

लोग भावनाओं को पढ़ने से बचते हैं.

_ प्रेम का अध्ययन करने बहुत कम लोग आते हैं..
_ कामयाबी पढ़ने ढेरों आते हैँ..
_ बदनामी को पढ़ने बिना बुलाए भी आते हैँ..
आप जो भी काम करते हैं उस वक़्त खुद से एक सवाल पूछें कि..

_ ये काम करने से मेरे जीवन में क्या बदलाव आएगा,

_ क्या यह काम मेरे लछ्य को हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है.!!

सवाल ये नहीं कि रफ़्तार किसकी कितनी है,,

_ सवाल है कि सलीके से कौन चलता है..!!

सुविचार 4256

जिंदगी में कोई भी रास्ता अपने आप नही बनता, इंसान खुद बनाते हैं,

इंसान जैसा रास्ता बनाता है, उसे वैसी ही मंजिल मिलती है.

सुविचार 4255

अगर कोई आपकी कीमत ना समझे तो निराश ना होना,

क्योंकि कबाड़ी के व्यापारी को हीरे की परख नहीं होती..

सुविचार 4254

कुछ लोग इतने भोले बन कर बात करते हैं,

जैसे हमें उनकी काली करतूतों का पता ही नही..

सुविचार 4253

हम स्वयं अपने भाग्य विधाता है, हमारी नियति हमारे ही हाथों में है.
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