सुविचार 4208

मन का विकास एक संतुलित अवस्था विकसित करने और सोचने से महसूस करने की ओर जाना है.
मन कि बात करो तो किस से ?

_ जो भी हैं वो भी उलझन में हैं,

उनके मन के आगे पेट खड़ा है..!!

सुविचार 4207

दया की बातें छोटी और बोलने में आसान हो सकती हैं,

किन्तु इनकी ध्वनि अनन्त तक गूँजती रहती है.

सुविचार 4206

जीभ कभी नहीं फिसलती है, दिमाग में जो चल रहा है, वह हमेशा जीभ पर आता है..

सुविचार 4205

जीवन भी गिटार या वीणा जैसा वाद्य यंत्र हो,

ज्यादा कसना भी गलत है और ज्यादा ढील छोड़ना भी गलत है.

सुविचार 4203

आप अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, आप अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे.
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