सुविचार 4416

जटिलता को अपनी सरंचना में स्थूलता या ठोसता और अतीत के विचारों के जाल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है.
जीवन तब जटिल हो जाता है जब हम खुद को केंद्र में रखने के बजाय दूसरों को अपने जीवन का केंद्रीय स्थान देते हैं..

_ ताकि वे हमारे जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लें, वे हमारे जीवन का निर्धारण करें..!!

भ्रमवश हम खुद ही अपनी जिंदगी को कष्टदायक बना लेते हैं,

_ गलत निर्णय भी सबसे अच्छे निर्णय लगते हैं.!!

कोई भी निर्णय देने से पहले, सच का एक और एंगल देखना ज़रूरी होता है.!!

सुविचार 4414

मिट्टी का तन है क्या दिन रात सजाना, मिट्टी ही मंजिल है तन पर क्या इतराना..

सुविचार 4412

फिर से प्रयास करने में कभी मत घबराना, क्यूंकि हार के बाद शुरुआत शून्य से नहीं, बल्कि पिछले अनुभव से होती है.
अनुभव की धूप, और समझ का साया सबके हिस्से नहीं आता.!!
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