सुविचार 4165

युवा बने रहने का मतलब है कि आप जीवन के प्रति खुले हैं,

_ सीखने और विकास करने के लिए हरदम तैयार हैं..

सुविचार 4164

पछतावा अतीत नहीं बदल सकता और चिंता भविष्य नहीं सुधार सकती,

_ वर्तमान का आनंद लेना ही जीवन का सच्चा सुख है.

ज्यादा चिंता करके क्या फायदा ?

सबकी ज़िंदगी ठीक कट रही है, जो बची है वो भी ठीक कट जाएगी..!!

अपनी ऊर्जा को चिंता करने में ख़त्म करने से बेहतर है,

_इसका उपयोग समाधान ढूंढ़ने में लगाया जाए..!!

सुविचार 4163

क्यों न हम ठीक से चीजों को सामने रखें, उसका अँधेरा भी उजाला भी..
सोच का अँधेरा.. रात के अँधेरे से ज्यादा खतरनाक होता है..!!

सुविचार 4162

कोई प्रशंसा करे या निंदा दोनों ही अच्छा है,

_ क्योंकि प्रशंसा प्रेरणा देती है और निंदा सावधान होने का अवसर..

कोई इंसान पूरा शत प्रतिशत अच्छा या पूरा शत प्रतिशत बुरा नहीं होता.

_ निन्दा और प्रशंसा साथ-साथ चलते हैं.

प्रशंसा करने वाला आपकी स्थिति देखता है,

_ और चिंता करने वाला आपकी परिस्थिति देखता है..!!

सुविचार 4161

“सफलता” की “खुशी” का “अनुभव” वही करता है,

_ जो “दिमाग” से “हार” के “डर” को निकाल देता है..

सुविचार 4160

इस दुनिया की विडंबना यह है कि _ लोग अपनी जरूरत के मुताबिक हमारा इस्तेमाल करते हैं _ और हम समझते है कि वे हमको पसंद करते हैं.
“यही जीवन की विडंबना है” _आप को किसी न किसी चीज़ से तो वंचित होना ही पड़ेगा..!!
किसी के लिए जरूरत से ज़्यादा मत करते रहना,

_वरना उसको.. आपसे ज़्यादा अपनी जरूरतों से मतलब रहने लगेगा..!!

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