सुविचार 4148
बहस में ज्ञानी और सच्चे लोग अक्सर मौन हो जाते हैं,
_ अज्ञानी और झूठे लोग खुद को सही साबित करने के लिए जरुरत से ज्यादा दलीलें पेश करते हैं.
वो अपने झूठे मद में चूर है, दिमाग ठिकाने आएगा तब तक वक़्त आगे बढ़ चूका होगा !!
_ अज्ञानी और झूठे लोग खुद को सही साबित करने के लिए जरुरत से ज्यादा दलीलें पेश करते हैं.
_ सिवाय हमारे डर के हमें कोई और नहीं रोकता, सब कुछ हमारे अंदर ही है..
_ दूसरे लोग आपके नियंत्रण से बाहर होते हैं..
_ कभी-कभी हम जरुरत होते हैं ज़रूरी नहीं.!!
_ लगता है अभी समय है हमारे पास, कुछ न कुछ हो ही जाएगा, खैर !…
_ बहुत सुखद होती है ये काल्पनिकता पर वास्तविकता के सामने इसको घुटने टेकने ही पड़ेंगे…
_ और परवाह करने वाला इंसान आपका ह्रदय खोल देता है.