सुविचार 4148

बहस में ज्ञानी और सच्चे लोग अक्सर मौन हो जाते हैं,

_ अज्ञानी और झूठे लोग खुद को सही साबित करने के लिए जरुरत से ज्यादा दलीलें पेश करते हैं.

वो अपने झूठे मद में चूर है, दिमाग ठिकाने आएगा तब तक वक़्त आगे बढ़ चूका होगा !!

सुविचार 4147

सिवाय हमारे विचारों के हमें कोई और नहीं बांधता.

_ सिवाय हमारे डर के हमें कोई और नहीं रोकता, सब कुछ हमारे अंदर ही है..

सुविचार 4146

इस बात को कम महत्व दें कि दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं:

_ दूसरे लोग आपके नियंत्रण से बाहर होते हैं..

सुविचार 4145

बहुत फ़र्क होता हैं जरुरी और जरुरत में,

_ कभी-कभी हम जरुरत होते हैं ज़रूरी नहीं.!!

सुविचार 4144

अधिकांश रचनाएं कहीं ना कहीं वास्तविकता से संबंधित होती हैं बस फर्क इतना है कि _ किसी के हालात उन्हें काल्पनिक बना देते हैं तो किसी के वास्तविक !!
कल्पनाओ में जीना अच्छा लगता है, ऐसा लगता है सब कुछ एक दिन ठीक हो जायेगा, अनायास ही विश्वास जग जाता है उस भावी के प्रति, किसी चमत्कार की आशा जागृत हो जाती है,

_ लगता है अभी समय है हमारे पास, कुछ न कुछ हो ही जाएगा, खैर !…

_ बहुत सुखद होती है ये काल्पनिकता पर वास्तविकता के सामने इसको घुटने टेकने ही पड़ेंगे…

सुविचार 4143

बुद्धिमान इंसान आपका दिमाग खोलता है, सुंदर इंसान आपकी आँखें खोलता है

_ और परवाह करने वाला इंसान आपका ह्रदय खोल देता है.

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