| Jan 26, 2016 | Quotes in Hindi
केवल थोड़े से कुकर्म, बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं.
त्रुटि निकालना सरल है, अच्छा कार्य करना कठिन है.
| Jan 26, 2016 | Quotes in Hindi
ख़्वाहिशें कुछ कुछ यूँ भी अधूरी रही,
पहले उम्र नहीं थी अब उम्र नहीं रही.
जख्म कहाँ कहाँ से मिले हैं…..छोड़ इन बातों को..
जिन्दगी तू तो बता सफर और कितना बाकी है…
मुख़्तसर सा गुरुर भी ज़रूरी है जीने के लिए
ज़्यादा झुक के मिलो तो दुनिया पीठ को पायदान बना लेती है
कुछ रिश्तों में मुनाफा नहीं होता
पर जिन्दगी को अमीर बना देते हैं
जब गिला शिकवा अपनो से हो तो खामोशी ही भली
अब हर बात पे जंग हो यह जरूरी तो नहीं
दर्द की अपनी भी एक अदा है..
वो भी सहने वालों पर फ़िदा है..
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में..
बस हम गिनती उसी की करते हैं जो हासिल ना हो सका
अब न मांगेंगे ज़िन्दगी या रब
ये गुनाह हमने इक बार किया
इच्छाएँ बड़ी बेवफा होती हैं..
कमबख्त, पूरी होते ही बदल जाती हैं..
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब,
ये जरूरतें तो कभी खत्म नहीं होंगी
मैने सिर्फ तुम्हारे कदम गिने थे, तुम्हारे क़दमों की आहट सुनी थी
तुमने आना छोड़ दिया लेकिन मैंने इंतजार करना नहीं छोड़ा
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए
सहम सी गई है ख्वाहिशें,,,
शायद जरूरतों ने ऊंची आवाज में बात की होगी
यू तो ज़िन्दगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारे बहुत थी
सुना है.. काफी पढ़ लिख गए हो तुम..
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते..
सो जाइये सब तकलीफों को सिरहाने रख कर ,,,क्योंकि
सुबह उठते ही इन्हें फिर से गले लगाना है.
थोड़ी थोड़ी गुफ़्तगू दोस्तों से करते रहिये
जाले लग जाते हैं अक्सर बंद मकानों में..
| Jan 23, 2016 | Quotes in Hindi
अपने अंदर सुख ढूंढ निकालना बहुत मुश्किल है पर और कहीं उसे पाना असंभव.
| Jan 18, 2016 | Quotes in Hindi
संभव हो तो कभी भी प्रहार मत करो, परंतु कभी भी कोमलता से प्रहार मत करो.
श्रेष्ठ मानसिकता वाले लोग, विचारों पर चर्चा करते हैं.
सामान्य मानसिकता वाले लोग, घटनाओं पर चर्चा करते हैं.
संकुचित मानसिकता वाले, लोगों के बारे में चर्चा करते हैं.
| Jan 14, 2016 | Quotes in Hindi
ज्ञान वजन दे सकता है परन्तु उपलब्धियां चमक देती हैं और अधिकतर लोग तोलने के बजाय देखते हैं.
परामर्श का शायद ही कभी स्वागत होता है और जिन्हें उस की अधिकतम आवश्यकता है वे ही उसे कम पसंद करते हैं.
| Jan 8, 2016 | Quotes in Hindi
कम से कम 5 मिनट के लिए तो प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन मूर्ख बनता ही है. हमारी बुद्धिमानी इसी में है कि 5 मिनट की अवधि को अधिक न बढ़ने दें.