मस्त विचार 4591
नज़र झुकी है मेरी झुकी रहने दो,
मैं देख लूँगा तो और तमाशा होगा.
मैं देख लूँगा तो और तमाशा होगा.
मुझसे मिलोगे तो मुस्कुराकर के ही जाओगे..!!
लेकिन अपने प्रयासों से _जी भी सकते हैं, और मर भी “
पर लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे..
_ या तो हार मानकर बैठ जाएं या लड़ें और जीत की गुंजाइश पैदा करें.
परिंदे छत पर आते हैं तो दाना कम नहीं होता…!!