मस्त विचार 4293
तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं..
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं..
अब हम उन्हें कैसे बताएं हम उनसे नहीं, उन्हें चाहते हैं.
.कि अब उन्हें आपकी जरूरत नही !!
दिल से उतरे हुए लोगों से शिकायत कैसी !!
मंजिल वो अपनी खुद ब खुद बना लेते हैं..