मस्त विचार 4021

बहोत दिनो बाद हँसी आई, _ कम्बख्त अपने ही हाल पर !!
जब हँसी असली न हो तो..

_हम हँसते हुए खाली डिब्बे की तरह बजते हैं..!!

जब मैं बहुत ज़्यादा, बेबात हँसने वाले लोगों को देखता था तो सोचती था कि उनमें ज़रूर पागलपन के कुछ तत्व हैं.

_ यह अहसास मुझे बहुत बाद में हुआ कि थोड़ा पागल होने में कोई बुराई नहीं है,

_ कभी-कभार बेबात भी हँस लेना चाहिए.

_ (वेरी स्ट्रेंज). धीरे-धीरे हँसने की आदत पड़ जाएगी तो आपकी हँसी चाहे ऊपरी हो, लोग आपसे खुश रहेंगे.

मस्त विचार 4020

सही की पहचान नही है मुझको,,

_ मुझे गलत कहने वाले तेरी बात में दम है.

सब कुछ सरसरी सुनते हैं आप,

_ कभी तो सही से जानिए कि.. “क्या हुआ था”

मस्त विचार 4019

तुम्हे खोजते-खोजते लापता हो गया हूँ खुद में ही…

_ कहीं मिल जाऊँ तो मुझे जरूर बता देना..!!

इक रोज़ उसे एहसास होगा कि उसने क्या खो दिया है,

_ लेकिन तब उस खोए हुए को चाहकर भी नहीं खोज पाओगे..

जो रुक गए, वे यह नहीं समझते कि रुकने से उन्होंने कितना कुछ खो दिया.!!

मस्त विचार 4016

गर्दिश तो चाहती है, #तबाही मेरी मगर..

_ मजबूर है किसी की #दुआओं के सामने..!!

ज़िन्दगी तबाही के किनारे पे खड़ी है और आपको तेरी-मेरी पड़ी है..!!
जान तक देने की बात होती है यहां…!

_ पर यकीन मानो, दुआ तक दिल से नही देते लोग…!!
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