मस्त विचार 4008

एक दिन आएगा…

जब तुम्हें शिकायत – ” वक़्त और जमाने ” से नहीं बल्कि ” खुद ” से होगी..

कि, जिंदगी सामने थी और मैं संसार में उलझा रहा..!!

मस्त विचार 4005

तुम इतने भी नादां नहीं हो की ” समझ ” न सको..!!

_ मेरी चंद लाइनों में सिर्फ तेरा ही ” जिक्र ” होता है ..!!!!

मस्त विचार 4004

कितनी दफा मिटाओगे मेरा वजूद,

_ मैं फिर से उग जाऊंगा, तुम देख लेना..

मनुष्य जीवन भर सीखता रहता है;

_ जिस दिन वह सीखना बंद कर देता है, उस दिन से उसका वजूद ठहर जाता है.!!

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