मस्त विचार 4448
बुद्धिमान कभी मूर्खों को यह पता नहीं चलने देता
की उसे पता चल चुका है की वे मुर्ख हैं.
की उसे पता चल चुका है की वे मुर्ख हैं.
जिक्र तेरा जरूर होता है…!
ये नियति का नियम है.
हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है.
और पहचान रहे हो, तो ठहर क्यूँ नहीं जाते ??
पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है.